Kulgeet
वेदाध्ययन है लक्ष्य हमारा,
वेव्स है माध्यम जिसका न्यारा ।।
अपरा से जीवन निखारकर, परा से पाएँ अक्षर-ज्ञान ।
सत्यं शिवं सुन्दरं के हम, सिद्ध कर पाएँ सब वरदान ।।
यही परम उद्देश्य हमारा, वेदाध्ययन है लक्ष्य हमारा ।।
वेव्स है माध्यम जिसका न्यारा ।।
वेव्स दे रहा बोध-तरंगें, भारत की विद्या पहचानें ।
वेद-पुराण-स्मृति-ग्रंथों में निहित अमूल्य सार हम जानें ।।
तत्त्वज्ञान ही बोध्य हमारा, वेदाध्ययन है लक्ष्य हमारा ।।
वेव्स है माध्यम जिसका न्यारा ।।
दशकों से है वेव्स दे रहा, अवसर चर्चा का, चिंतन का ।।
एक मंच पर सबको लाना, ध्येय रहा हर सम्मेलन का ।।
वैश्विक-हित कर्तव्य हमारा, वेदाध्ययन है लक्ष्य हमारा ।।
वेव्स है माध्यम जिसका न्यारा ।।
ऋतंभरा प्रज्ञा से युत हों, भ्रमजालों से दूर बचें हम ।
स्वस्ति भावपूरित जीवन हो, अनृत-मार्ग से दूर रहें हम ।।
चिदानंद गंतव्य हमारा, वेदाध्ययन है लक्ष्य हमारा ।।
वेदाध्ययन है लक्ष्य हमारा,
वेव्स है माध्यम जिसका न्यारा ।।
लेखिकाद्वय: डा. प्रवेश सक्सेना, डा.शशि तिवारी; संगीत: डा. रीना सहाय